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                        B.K.SINGH

                  ( Founder President )

      SURAJ STAMMERING CARE CENTRE 

                Maihar  (Madhya Pradesh     Youtube channel - Click here

                  लोग क्यो हकलाते है ?-
इसे महज एक बुरी आदत मानना गलत है सच्चाई यह है कि यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है,जिसमे कुछ ध्वनियों का उच्चारण न सिर्फ मुश्किल कई बार असंभव हों जाता है। जब मसितष्क से ध्वनि के लिये विहुत तरंगे नही पहुचती है तो हमारा कंठ पिछली ही ध्वनि को दोहराता रहता है कभी -कभी गला पूरी तरह ब्लाक हो जाता है, न ही हवा बाहर निकलता और न ही ध्वनि।  एक हकलाने वाले व्यवित के शब्दों में click 

   हकलाहट को ठीक करने के 5 व्यायाम 

हकलाहट की समस्या वास्तव में एक बोलने की dysfluency या बाधा होती है। यह शरीर के क्रिया विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान, मनोविज्ञान और जीवन शैली की तरह कई कारकों के मिश्रण का परिणाम सकता है। मानसिक सूचनाओं के आदान प्रदान में कुछ रुकावटों और तनाव के कारण हकलाहट की समस्या होती है जो उचित देखभाल और उपचार के साथ पूरी तरह से ठीक हो सकता है। यह मस्तिष्क के एक विशेष हिस्से या तंत्रिका के dysfunctioning के कारण होता है, यह पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है, लेकिन एक बड़ी हद तक दूर किया जा सकता है। निर्धारित उपचार के साथ संयोजन में व्यायाम हकलाहट (Stammering) के इलाज में चमत्कारी परिणाम दे सकते हैं। click here

    5 exercises to cure stutter

The problem of stuttering is actually a speaking dysfluency or obstruction. It can result from a mixture of many factors like body function, neuroscience, psychology, and lifestyle. There are stuttering problems due to some interruptions and stress in the exchange of mental information which can be completely cured with proper care and treatment. It is caused by . click more

5- अगर आप उड़ नहीं सकते तो दौड़ो ,अगर आप दौड़ नहीं सकते तो चलो ,अगर आप चल नहीं सकते तो लुढ़कों, हम बहार की चुनौतियों से नहीं ,अंदर की कमजोरियों से हारते है 

If you can not fly then run, if you can not race then come on, if you can not walk then rolls, we do not get out of the challenges of the past, but we lose the weaknesses inside

    हकलाना १००% ठीक होता है ?

इसका उत्तर देना मुश्किल है. बहुत से लोग, बहुत अच्छे से, हकलाहट को काबू कर के, अपनी लाइफ को इंजॉय कर रहे है. बहुत से लोग, बहुत जगह, ट्रटमेंट ले कर हार चुके है, और  इंटरनेट में नेगेटिव आर्टिकल्स, वीडियो, लोड कर रहे है, और आप देख रहे है,  मेरे विचार से, आप हकलाहट  को,  बहुत अच्छे से कण्ट्रोल कर सकते है, ( जैसे ऋतिक रोशन ) ,अपनी लाइफ को एन्जॉय कर सकते है , वो सारे फैक्टर जो    click here

            आप सर्वश्रेष्ठ हैं ?

आपको लोग क्योँ याद रखें ?
बनाइये अपने को एक ब्रांड (Brand) क्योँकि दुनिया सिर्फ और सिर्फ ब्रांड (Brand) को याद रखती है और हम जैसे है सर्वश्रेष्ठ हैं,,, ईश्वर की हर रचना अपने आप में सर्वोत्तम है, अदभुत है.. click here

           हकलाहट Vs आप  

 हकलाहट आपको या आप हकलाहट को मैनेज करते हैं 

 दोस्तो मैन कई हकलाने वाले लोगों से बात किया,कई विश्वविद्यालयों के  थिसिस को पढ़ा जिसमें हकलाहट को रिसर्च किया गया है। तब मैंने पाया और स्वयं 35 वर्ष तक अनुभव भी किया कि अधिकतर लोगों को हकलाहट मैनेज करती है। जब हकलाहट का ब्लाकेज आता या आने वाला होता है, तब हम इतना नर्वस हो जाते  है ,कि हमें हकलाहट मैनेज करने लगती है। आइये कुछ click here

                        About Medicine

जनरल मेडिकल साइंस के अनुसार , हर बीमारी का, कोई न कोई कारण होता है,उस कारण को एंटी मेडिसिन या अन्य तरीके से , दूर कर दिया जाये तो बीमारी ठीक हो जाती है, जनरल मेडिकल साइंस के अनुसार हकलाहट का मुख्य कारण चिंता और तनाव है , इनको anti anxiety medicine से दूर कर के "जनरल मेडिकल साइंस" हकलाहट को ठीक करने का दावा करती है , 
जब की सच्चाई यह है की हकलाहट का कारण चिंता और तनाव के साथ साथ इमोशनल ,हैबिचुअल और साइकोलॉजिकल कारण भी है , इन कारणों पर जनरल मेडिकल साइंस की कोई पकड़ ही नहीं है इसलिए जनरल मेडिकल साइंस आधा अधूरा ट्रीटमेंट कर के हकलाहट को ठीक करने का दावा करती है 
एक महत्पूर्ण बात और बता रहा हूँ की चिंता और तनाव के लिए भी कोई सटीक मेडिसिन "जनरल मेडिकल साइंस" के पास नहीं है जो थोड़ा बहुत है भी उसमे फायदे काम ,साइड इफेक्ट अधिक है इसलिए " जनरल मेडिकल साइंस" तनाव चिंता को दूर करने के लिए मेडिटेशन और योग की सलाह देती है 
जब बैज्ञानिको को इस बात का अहसाह हुआ की, कुछ ऐसी बीमारी (जैसे हकलाना, मूक बधिर, अंधे व्यक्ति ,मानसिक पीड़ित , विकलांग आदि) है, जिको मेडिसिन से अधिक, तकनीक की जरुरत होती है, तब मेडिकल साइंस के अलवा ,अन्य स्पेशल ब्रांच भी स्टार्ट की गए, इस में से "स्पीच एंड हियरिंग" एक है, इनको को भारत सरकार स्पेशल एजुकेशन मानती है, इस एरिया में डिप्लोमा ,डिग्री, मास्टर डिग्री पीएचडी देती है, यदि मेडिकल साइंस में, हकलाहट का साइंटिफिक ट्रीटमेंट होता, तो गोरमेंट को स्पेशल एजुकेशन की स्टार्ट क्यों करनी पड़ी ?

Reason of Stammering

( हकलाने के कारण )

1-Imitation of other stammering persons either in the family or outside.
2 An after effect of certain serious illness.
3-Feeling of insecurity in the early age.
4 Strict, rude & rough guardianship.
5 Sudden physical or mental shock.
6 Shy or introvert nature from childhood.
7 Very fast speaking habit.
8 Parental fights and misunderstandings.
9 Disturbances and quarrel in the family.
10 Fast thought process.

 

          हकलाहट Vs मेरे अनुभव

यदि एक हकलानेवाले व्यक्ति के रूप में आपके अनुभव मेरे जैसे है, तो आपने जरुर जीवन का एक बड़ा हिस्सा बिताया होगा, इस तरह के सुझाव सुनते सुनते : "एक गहरी साँस लो", "पहले सोच लो क्या कहना है, फिर बोलो" - और शायद यह भी: "बात करने के लिए अपने मुंह में एक कंकड़, या सुपाड़ी डाल लो". मुमकिन है की आपने अब तक सीख लिया हो कि इन बातों से कोई मदद नहीं मिलती - उलटे ये आपकी समस्या को बदतर ही बनाते हैं । clike here

                  हकलाहट  Vs  आप                                  हकलाहट आपको या आप हकलाहट को मैनेज करते हैं।   दोस्तो मैन कई हकलाने वाले लोगों से बात किया,कई विश्वविद्यालयों के  थिसिस को पढ़ा जिसमें हकलाहट को रिसर्च किया गया है। तब मैंने पाया और स्वयं 35 वर्ष तक अनुभव भी किया कि अधिकतर लोगों को हकलाहट मैनेज करती है। जब हकलाहट का ब्लाकेज आता या आने वाला होता है, तब हम इतना नर्वस हो जाते  है ,कि हमें हकलाहट मैनेज करने लगती है। आइये कुछ click here

स्पीच थेरेपी  Vs साइकोथेरेपी  और  हकलाहट 
हमारे बहुत से हकलाने वाले भाई बहन बहुत कन्फ्यूज्ड है  स्पीच थेरेपी और साइकोथेरेपी  के बारे में  इस लिए मई आज कुछ कन्फ्यूजन  दूर करुगा

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                                                                                           2- हकलाने वाले व्यवित के विभिन्न चरण

1-  पहला चरण  -छोटी उम्र में ब च्चा अपनी  पर विशेष ध्यान नही देता है लेकिन जैसे जैसे वह समझदार व बड़ा होता है ,अपनी समस्या समझने लगता है ,बच्चा यदि नही भी हकलाता लेकिन यदि उसके दोस्त घर के मोहल्ले में लोग बार बार बोलते है कि तुम तेज बोलते हो ,तुम्हारी आवाज समझ में नही आती ,धीरे -धीरे बोला करो ,आरा  म से बोला करो तो बच्चे के मन में धीरे -धीरे यह अनुभव होने लगता है कि मैं हकलाता हूँ। यही पहला चरण कहल
 2-दूसरा चरण-अब वह समाज के सामने आता है उसकी हॉकी उड़ाई जाती है। click here

2-Hostel facility ---Available  click here 

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3- Stutter medicines
Friends, it is true that the reader of the Ayurveda, Allopathic , homeopathy  book has written so many medicines in all, and this is the reason why you go to any doctor for the sake of treatment, Doctor priscrived some medicine-click here

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  रानी मुखर्जी की हकलाहट कण्ट्रोल हो सकती है तो            आप की क्यों नहीं हो सकती  ?

    3-विभिन्न लोगों द्धारा उपचार के तरीके
भारत में इस रोग के उपचार की सिथति कोई बहुत आशाजनक नही है। कुछ सज्जन हकलाने का इलाज एलोपैथिक दवाई में खोजते है। शिक्षित वर्ग इसके लिये नाक, कान, गला (ई ,एन ,टी ) रोग बिशेषज्ञ के चक्कर काटते। throat, larynx, voice box, Tongue संबंधी अनेक चेकअप करवाते लेकिन कोई डिफेक्ट नही निकलता। यहाँ तक कि कुछ लोग सोनोग्राफी तथा एक्सरे थी करवाते है। कंम लिखे -पढ़े लोग देवी,टोना-ज़ादू ,झाड़-फूक ,शंख बजाना तोते के जूठे फल खिलाना ,मिर्ची अधिक खाना ,आयुर्वेद 

  1-कैसे हकलाना control करें

हकलाने का कोई जादुई और तुरंत इलाज नहीं है। चिकित्सा, एलेक्ट्रोनिक उपकरण, या दवाइयाँ, कोई भी, इसे रातों रात ठीक नहीं कर सकता है। हालांकि जो लोग हकलाते हैं, वे भली भांति बोल पाने के लिए इस स्थिति का मुक़ाबला स्पीच थेरपिस्ट की सहायता से स्वयं भी कर सकते हैं। यदि आप वास्तव में, हकलाहट ठीक करना चाहते हैं, और अपना नया जीवन शुरू करना चाहते हैं, तब इन सुझावों और तकनीकों को पढ़िये। click here

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