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        Cancellation policy 

All customers are requested that before joining any therapy or courses, get all the information from the website, Whatsapp chat, customer care number of the precautionary center, do not become a victim of any runoff, any fraud, wrong information by anyone , Join therapy only after complete satisfaction, in case of hurry, mistake, fraudulent order or joining, 100% fee will be refunded, but the center has to be informed before the course or therapy starts, so you are advised Start the course only after complete satisfaction before the start of the course or therapy because there is no provision to refund any fees after the course start.

सभी  ग्राहकों  से अनुरोध है की  कोई,भी थेरेपी  या कोर्सेस  ज्वाइन  करने के पहले सावधानी  पूर्वक  सेंटर के वेबसाइट ,व्हाट्सप्प  चैट ,कस्टमर केयर नंबर  से सारी  जानकारी  प्राप्त  कर लीजिए , किसी अपवाह , किसी फ्रॉड , किसी के द्वारा  गलत जानकारी का  शिकार  न बने , पूर्ण संतुष्टि  के बाद ही थेरेपी  ज्वाइन  कीजिए, जल्दीबाजी, गलती ,धोखे से आर्डर या ज्वाइन होने की दशा में शत प्रतिशत  फीस वापस की जाएगी किन्तु कोर्स या थेरेपी स्टार्ट  होने के पहले सेंटर को  जानकारी देनी होगी,इसलिए आप को सलाह दी जाती है की कोर्स या थेरेपी स्टार्ट होने के पहले पूर्ण संतुष्टि  के बाद ही कोर्स स्टार्ट करे क्यों की कोर्स स्टार्ट के बाद कोई  फीस वापस करने का प्रावधान  नहीं है 

 

 

 


   

     आप सर्वश्रेष्ठ हैं ?

आपको लोग क्योँ याद रखें ?
बनाइये अपने को एक ब्रांड (Brand) क्योँकि दुनिया सिर्फ और सिर्फ ब्रांड (Brand) को याद रखती है और हम जैसे है सर्वश्रेष्ठ हैं,,, ईश्वर की हर रचना अपने आप में सर्वोत्तम है, अदभुत है..! 
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1) सबसे पहले अपने आप को Unconditional Accept (स्वीकार) करें :- 
मित्रों जीवन में कभी किसी से अपनी तुलना मत करो, आप जैसे हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं,,, ईश्वर की हर रचना अपने आप में सर्वोत्तम है, अदभुत है..!
मित्रों जरा चिंतन कीजिये :- 
हमारा अपने बच्चों की पढ़ाई से संतुस्ट न होना, हमारा खुद का अच्छे स्कूल,कॉलेज में न पढ़ने की शिकायत, नए नए घर तथा खाने की चाहत, नौकरी से संतुस्ट न होना, अपने माँ बाप से कटुता, अपने बच्चों से दूरियां और न जाने कौन कौन दुखों के बारे में बातें करना …… 
सोचिये सोचिये .......
जरा उनके बारे में जो स्कूल, कॉलेज ही नहीं जा पा रहे है, जिनको एक वक़्त की रोटी नसीब नहीं है, जो सड़कों पर सो रहे हैं, जिनके पास नौकरी नहीं है, जिनके माँ बाप नहीं हैं या जिनके बच्चे नहीं हैं और न जाने क्या क्या समस्याए
मित्रों मान कर चलिए हम जहाँ है, जिन परिस्थितियों में हैं, बहुत खुशनसीब हैं, इसलिए सबसे पहले हमको अपने आप को Unconditional Accept (स्वीकार) करना ही होगा.

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2) अच्छे श्रोता (Listener) बने :- होता क्या है हम अपनी कथा तो सुना कर आ जाते हैं और दूसरा क्या बोल रहा है इसका हमें पता ही नहीं होता. अरे भाई हमें तो अपने मन की बात पता है और हमने दूसरे की बात सुनी ही नहीं तो फिर हमने नया क्या सीखा, हाँ दूसरा जरूर सिख गया हमारी बातों से कुछ न कुछ.

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3) अच्छे शिष्य (Learner) बने :- कभी भी कुछ देखने या सिखने का मौका मिले तो एक एक चीज को ध्यान से सीखिये. अब जब आपने उस चीज को सिखने या देखने के लिए Time निकाल ही लिया है तो उसका पूरा उपयोग कीजिये।

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4) अपने पैसे का पूरा उपयोग हक़ से मांगिये :- अधिकतर समय देखने में आता है कि स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग institutes में हम topic समझ न आने पर भी Teacher से नहीं पूछते. अधिकतर समय न पूछने का कारण "दूसरे सिखने वाले क्या कहेंगे" वाली approach होती है. जब Future में कुछ नहीं बनोगे तब दुनिया जरूर कहेगी,ये बात ध्यान में रखना.शर्मा शर्मी छोड़ कर हमें तुरंत अपने Concept clear करने चाहिए. न पूछ कर हम अपने Future पर Break लगा रहे होते हैं, जो की बाद में बहुत भारी पड़ता हैं. बार बार आपके ऊपर खर्च करने के लिए आपके घर वालों के पास फालतू पैसे नहीं हैं, ये आपको समझना ही होगा. आपको अपने द्वारा दी गई Fees का एक एक पाई वसूलना ही चाहिए क्योँकि "पैसे पेडों पर नहीं उगते", ऐसा हम सबने सुना है.

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5) अपना Network बढ़ाइए और दूसरों के लिए उसका उपयोग कीजिये :- चाहे School College हो, Office हो, रिस्तेदारी हो, दोस्ती हो - आपको अपने Network का use हर उस जगह करना है, जहाँ उसकी जरुरत है. Important बात ये है कि अगर आपको कहीं से भी पता लग जाये की किसी को किसी चीज की आवश्य्कता है तो आपको किसी भी हाल में उसकी मदद करनी है. देखने में ये आता है की हम अपनी जान पहचान होने के बावजूद दूसरे की मदद करने से पीछे हटते है और फिर अपने समय दुनिया से मदद की उम्मीद करते हैं (जैसा बोएंगे वैसा ही कांटेंगे).

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6) अपने आपको ब्रांड (Brand) बनाइये :- जिस भी जगह पर जाएं हमेशा उसी माहौल में घुल मिल जायें। उस वक़्त अपना 100% दे, 99.99% से भी काम नहीं चलेगा, जैसे :-
(a) खेल रहे हैं तो खलने में अपना Best दीजिये.
(b) पढ़ रहे हैं या कोई ट्रेनिंग कर रहे हैं तो उसमें अपना Best दीजिये. 
(c) Office में हैं तो Office काम में अपना Best दीजिये.
(d) डांस पार्टी में या मस्ती कर रहे हैं तो वहां अपना Best करिये. 
मतलब साफ़ है जो काम करें उसमें आपको अपना Best (100%) देना है, Result की चिंता किये बिना. अब जब आपने उस चीज के लिए Time निकाल ही लिया है तो उसका 100% सदुपयोग कीजिये. उस समय अगर आप किसी और चीज के बारे में सोचेंगे तो आप अपना 100% उस काम में नहीं दे पाएंगे और मित्रों मान कर चलिए जिस काम में 100% नहीं दिया जायेगा वो काम जिंदगी में कभी सफल नहीं हो सकता.
सभी जगहों पर आपको लोग क्योँ याद रखें concept पर काम करना है.....
आपको किसी भी हाल में अपने को एक ब्रांड(Brand) के रूप में Create करना है क्योँकि दुनिया सिर्फ और सिर्फ ब्रांड (Brand) को याद रखती है, ये बात हम

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